Yamuna Water: देवेंद्र यादव ने वीरेंद्र सचदेवा को निशाने पर लिया, कहा- ‘यमुना में नहाना BJP का राजनीतिक ड्रामा’
Yamuna Water: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अब चिंताजनक स्तर पर पहुँच चुका है। चाहे वह वायु प्रदूषण हो या यमुना का जल प्रदूषण। हाल के दिनों में यमुना में जहरीले फोम की तस्वीरें सुर्खियों में रही हैं। अब इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो गई है। हाल ही में, दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने यमुना में स्नान करके नदी की सफाई की कमी के लिए आप सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
हालांकि, यमुना के प्रदूषित पानी में स्नान करने के तीन दिन बाद वीरेंद्र सचदेवा को सांस लेने में परेशानी हुई। शनिवार को जब उनकी तबीयत बिगड़ी, तो उन्हें आरएमएल अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां यह बात सामने आई कि वह त्वचा से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
देवेंद्र यादव का कटाक्ष
अब इस पर दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने वीरेंद्र सचदेवा के यमुना में स्नान करने के फैसले को एक जोखिम भरा कदम बताते हुए इसे बीजेपी का राजनीतिक ड्रामा करार दिया है। यादव ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण कोई नई बात नहीं है, यह समस्या साल दर साल सामने आती है। हर साल सर्दियों की शुरुआत में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक होता है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 300 के पार चला गया है और कई क्षेत्रों में यह 350 तक पहुंच गया है।
यादव ने यह भी कहा कि विपक्षी नेताओं ने दिल्ली सरकार पर प्रदूषण की समस्या को लेकर नीतियों की कमी का आरोप लगाया है। दिल्ली बीजेपी लगातार केजरीवाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। इसी बीच, दिल्ली कांग्रेस ने भी केजरीवाल सरकार पर प्रदूषण के मुद्दे पर ठोस कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस का बीजेपी पर हमला
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने प्रदूषण और बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के यमुना में स्नान के संदर्भ में कहा कि ऐसा करना उनके लिए जोखिम भरा साबित हुआ। सचदेवा को त्वचा रोग हो गया और उन्हें उपचार के लिए अस्पताल जाना पड़ा। इस घटना ने बीजेपी की राजनीतिक चाल को उजागर किया है, जिसमें नदी के प्रदूषण पर चुप्पी साधने और इस मुद्दे को केवल चुनाव के समय उठाने का आरोप लगाया गया है।
आप सरकार की अनदेखी
देवेंद्र यादव ने कहा कि वायु और जल प्रदूषण के बढ़ते खतरे के बावजूद आम आदमी पार्टी ने समस्या को हल करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले 10 वर्षों में वायु और जल प्रदूषण की समस्या को सुलझाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। वे केवल सर्दियों में प्रदूषण को कम करने के लिए शीतकालीन कार्य योजना बनाते हैं, लेकिन इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते।
प्रदूषण की गंभीरता
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह जनता के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। यमुना नदी, जो दिल्ली की जीवनरेखा है, अब प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य संकट का कारण बन गई है। ऐसे में, नेताओं का यह दायित्व बनता है कि वे केवल राजनीति न करें, बल्कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाएं।
यमुना जल प्रदूषण पर राजनीतिक बयानबाजी के बजाय, सभी राजनीतिक दलों को इस समस्या का समाधान करने में एकजुट होकर काम करना चाहिए। केवल चुनावी लाभ के लिए प्रदूषण को मुद्दा बनाना सही नहीं है। दिल्ली की जनता को एक साफ और स्वस्थ वातावरण चाहिए, और इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। हमें उम्मीद है कि इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा होगी और ठोस कदम उठाए जाएंगे। प्रदूषण को केवल राजनीतिक हंगामे का हिस्सा नहीं, बल्कि एक गंभीर समस्या के रूप में लिया जाना चाहिए।